
गौड़ की आवाज ब्यूरो प्रमुख पूजा राठौ श्योपुर के क्ष्रेत्र मे आपको बता दे ब्रह्मण मोहल्ले स्थित बीच के मंदिर से लगभग 800 वर्ष पुराने प्राचीन मंदिर से ठाकुर जी संग ठकुराइन जी को जल बिहार के लिए ले जाने की परंपरा ब्रह्मण समाज द्वारा आज समय तक बखूबी निभाई जा रही है । कराहल नगर में डोल एकादशी पर्व बड़े धूम धाम से बनाया गया जिसमे आतिशबाजी, डी.जे. , बैंड की धुन पर भक्त नाचते गाते नजर आएराधाकृष्ण बीच के मन्दिर से बड़े तालाब तत्पश्चात पुनः यथा स्थान तक लगातार पुष्प वर्षा चलती रही,जगह जगह श्री ठाकुर जी का लोगो द्वारा भव्य स्वागत किया गया ,जलजुझनी एकादशी के अवसर पर कराहल में ठकुराइन संग ठाकुरजी निकले जलबिहार के लिएकराहल में बड़े मंदिर से सीताराम जी ,बीच के मंदिर से राधाकृष्ण जी,सत्यनारायण मंदिर से लक्ष्मी नारायण जी
,गड़ी के मंदिर से सियाराम जी,मंशापूर्ण हनुमान मंदिर से सियाराम जी,विमान में सवार हो कर निकले
जहां ठाकुर जी संग ठकुराइन जी को जल बिहार कराया गया,