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बजट 2025: मिश्रित प्रतिक्रियाएं: भाजपा ने सराहा, शिक्षाविदों ने कहा- आम आदमी की समस्याओं का समाधान नहीं

गौड़ कि आवाज संवाददाता

बजट 2025: मिश्रित प्रतिक्रियाएं: भाजपा ने सराहा, शिक्षाविदों ने कहा- आम आदमी की समस्याओं का समाधान नहीं

गौड़ कि आवाज संवाददाता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2025-26 के अंतरिम बजट पर विभिन्न वर्गों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जहां भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा, प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी जैसे नेताओं ने इसे विकसित भारत का रोडमैप बताया, वहीं शिक्षाविदों ने इसमें कई कमियां गिनाईं।राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने बजट में नौकरीपेशा वर्ग को मिली टैक्स राहत की सराहना की, लेकिन साथ ही उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान की कमी की ओर भी ध्यान खींचा। शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास केंद्रों की स्थापना और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें बढ़ाने के प्रावधान को बढ़ती छात्र संख्या के अनुपात में अपर्याप्त बताया।बजट में किसानों और छोटे व्यवसायियों को राहत देने का प्रयास किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है, जबकि छोटे कारोबारियों को 5 लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।गनपत सहाय पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अंग्रेज सिंह ने बजट को सकारात्मक बताते हुए कहा कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर मुक्त करने से घरेलू बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मेक इन इंडिया को दिए गए विशेष महत्व की भी सराहना की। भाजपा नेताओं का मानना है कि यह बजट युवा, गरीब, महिला और किसान सभी वर्गों को सशक्त करने वाला है।

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