भगवान श्री कृष्णजन्म की कथा में बजी बधाई,मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
भगवान श्री कृष्णजन्म की कथा में बजी बधाई,मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

गौड़ की आवाज समाचार संपादक भूपेंद्र सिंह
जयसिंहपुर। सुल्तानपुर गोसाईगंज थाना क्षेत्र के उमरी, मरियमपुर गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन हरिद्वार से पधारे कथा व्यास छवीलदास मिश्र ने भक्तों को भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाइ।जिसे सुनकर भक्त आनन्दित हो उठे।कथा व्यास श्री मिश्र ने कहा कि व्यक्ति को अहंकार नही करना चाहिए,अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है ।अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है।उन्होंने कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी,तो भगवान श्री कृष्ण को धरती पर अवतरित होना पड़ा।सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई,तो उन्हें अपनी इस संतान की मृत्य का भय सताने लगा।भगवान की लीला वह स्वयं ही समझ सकते है।भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए।और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए।उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर धर्म की हानि होती है।तब तब भगवान धरा पर अवतरित होते है।भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय नंद के आनन्द भयो,जय कन्हैयालाल की मङ्गलगीत पर समूचा पण्डाल जयकारो से गुजने लगा।एक दूसरे को श्री कृष्ण जन्म की बधाई देते हुए मुख्य यजमान तेज बहादुर सिंह ने व्यासपीठ की आरती उतारी।और उसके बाद राजा परीक्षित की भूमिका में आयोजक प्रताप बहादुर सिंह उर्फ गप्पू ,सविता सिंह ने भक्तो को प्रसाद वितरित किया।इस मौके पर