अयोध्या

आत्मा की भक्ति से परमात्मा होते प्रसन्न — आचार्य लक्ष्मीकांत 

आत्मा की भक्ति से परमात्मा होते प्रसन्न --- आचार्य लक्ष्मीकांत 

दैनिक गौड़ की आवाज व्युरो चीफ अयोध्या डा दिनेश तिवारी

अयोध्या नंदीग्राम भारत कुंड के प्राचीन मंदिर पर चल रहे 27 वें वर्ष की राम कथा के व्यास पीठ पर विराजमान गोकुल होने के आचार्य लक्ष्मीकांत महाराज जी शनिवार को प्रभु श्री राम की कथा में उनके बाल लीला का वर्णन करते हुए जहां तीनो माताओ द्वारा मिलने वाले प्यार राजा एवं दशरथ द्वारा मिलने वाले दुलार की कथा को विस्तार से बताया वही काग भूसुंडी द्वारा महिमा मंडित होकर प्रभु को ना समझ पाने पर उनके हाथ की रोटी छीन कर लेकर भागने की कथा को विस्तार करते हुए आचार्य श्री महाराज जी ने कगवीसुंडी को प्रभु श्री राम के मामले में ज्ञान होना कहा है।

उक्त कथा में श्री महाराज जी ने सभी देवताओं को जन्म लेकर प्रभु के सेवा में लगे की कथा को विस्तार से बताते हुए शनिवार का दिन होने के नाते रुद्र के 11 वें अवतार अंजनी के लाल हनुमान जी के प्रेम को प्रभु श्री राम के प्रति इस ढंग से दर्शाया कि उपस्थित जनसमूह के लोग प्रभु के भक्ति के मूल मंत्र को समझ गए की फर्जी रूप से अगरबत्ती जला देने से प्रभु प्रसन्न नहीं होते उन्हें आत्मा से स्मरण करना पड़ता है जब भी कोई भक्त आत्मा से परमात्मा का ध्यान करता है। तो प्रभु उसके सभी संकट हरते है।

प्राचीन मंदिर की कथा से नंदीग्राम भारत कुंड में महाराज जी की अमृतवाणी सुनने के लिए प्रतिदिन शाम को हजारों की संख्या में भीड़ एकत्र होती देखी जा रही है आयी हुई भीड़ को उचित स्थान देने में मंदिर के प्रशासक अरविंद तिवारी एवं अरुण तिवारी तथा पवन तिवारी आदि लोग प्रमुखता से देखे गए हैं।

प्रभु की बाल लीला को श्रवण कर रहे भक्त जनों में हनुमान जी की भक्ति को देखकर भक्ति के रस में श्रोतागण शराबोर होते देखे गए हैं। उक्त संगीत मई कथा में तबले पर संगत कर रहे शिवम् मिश्रा और अरगन पर आशीष देव की धुन श्रोता गणों को मंत्र मुग्ध कर रही थी। कथा के शुरुआत मे यजमान द्वारा हरिकृष्ण शास्त्री यज्ञाचार्य के मंत्रो उच्चारण पर व्यास पीठ और देवताओं का पूजन विधिवत करवाया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button