किसान सम्मान निधि की राशि पाने वाले सभी किसानों को पचहत्तर हजार
किसान सम्मान निधि की राशि पाने वाले सभी किसानों को पचहत्तर हजार

गौड़ की आवाज, ब्यूरो प्रमुख कैमूर, बिहार।प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना की राशि पाने वाले सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 75000 का ऋण 7% सालाना ब्याज दर पर मिलेगा। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा दो प्रतिशत तो राज्य सरकार द्वारा एक प्रतिशत की छूट भी दी जाती है। यानी की किसानों को एक लाख के केसीसी में सिर्फ सात हजार रुपए साल के जमा करने होते हैं। जबकि तीन हजार केंद्र सरकार द्वारा उनके खाते में दिया जाता है यानी किसान को कृषि कार्य हेतु चार परसेंट की ब्याज दर पर एक लाख का ऋण मिल जाता है। पर यह लाभ उन्हें तभी मिल पाएगा जब साल में एक बार वित्तीय वर्ष समाप्ति के पहले पूरी राशि को ब्याज समेत जमा कर दें। किसान चाहे तो जमा करने के बाद जरूरत के समय फिर यह राशि निकाल भी सकते हैं। लेकिन साल में एक बार पूरी राशि ब्याज समेत जमा करने पर ही राज्य और केंद्र सरकार की छूट का लाभ मिल पाएगा। यह जानकारी लालापुर दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक चंदन कुमार ने दी।उन्होंने बताया कि अगर किसान डिफाल्टर है या किसी और खाते से केसीसी का लाभ ले रहे हो तब वह पात्र नहीं होंगे। लेकिन वैसे किसान जो किसान सम्मन निधि की राशि प्राप्त कर रहे हैं और किसान क्रेडिट कार्ड किसी कारण से नहीं ले पाए हो या नहीं मिला है तो जिस बैंक में सम्मान निधि की राशि प्राप्त हो रही है उस शाखा प्रबंधक से मिलकर खाताधारी 75000 ऋण के तौर पर किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ले सकते हैं। इसके लिए किसान पंजीकरण, अद्यतन जमीन के रसीद, आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो के साथ ही इस संबंधी एक आवेदन भी भरना होगा। इसमें यह जरूरी है कि किसान का सिविल स्कोर 680 से कम ना हो यानी की 900 वाले सिविल स्कोर की जांच कर ही यह ऋण दिया जाता है। कारण कि आजकल अलग-अलग फाइनेंस कंपनी के माध्यम से लोग इलेक्ट्रॉनिक गजट सहित घर के अनेकों उपकरण आसान किस्तों पर लेते हैं लेकिन समय से किस्त नहीं देने या पूरी किस्त नहीं जमा करने पर उनका सिविल स्कोर खराब हो जाता है जिस कारण वह इस योजना के पात्र नहीं हो पाएंगे। जानकारी देते हुए शाखा प्रबंधक ने यह भी बताया कि पंजीकृत किसान की भूमि का रकबा चाहे जो पचहत्तर हजार का ऋण केसीसी का माध्यम से उपलब्ध हो ही जाएगा पर अगर 3 एकड़ या उससे ऊपर की कृषि योग्य भूमि है तो यह राशि किसान की जरूरत के हिसाब से बैंकों के प्रावधान के अनुरूप बढ़ाई जा सकती है।