बिहार

परिमार्जन प्लस से भी नहीं हो रहा जमाबंदी में सुधार 

परिमार्जन प्लस से भी नहीं हो रहा जमाबंदी में सुधार 

गौड़ की आवाज ब्यूरो प्रमुख कुदरा जिले के कुदरा अंचल का।बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल द्वारा नया नोटिफिकेशन जारी कर रैयतों को कागजात जुटाने हेतु तीन महीने के समय दिए जाने के बाद भी शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही ना हीं समय पर निष्पादन हो रहा है। पहले तो जमाबंदी सुधार या डिजिटाइजेशन में छुटी हुई जमाबंदी के लिए परिमार्जन पोर्टल पर आवेदन करना होता था। जिसमें आवेदन करने और सत्यापन करने की प्रक्रिया जटिल थी। जरूरत के अनुरूप सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद परिमार्जन प्लस के माध्यम से छूटे हुए रैयत का नाम जोड़ने, सुधारने या फिर खाता, प्लॉट, रकबा के सुधार हेतु संबंधित दस्तावेज संलग्न कर स्वयं शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया तो थोड़ी आसान हुई। लेकिन नए पोर्टल पर डेढ़ महीने बाद तक भी आवेदन पेंडिंग रहता है तो कुछ आवेदन में त्रुटि के नाम पर सुधार करने हेतु वापस कर दिया जाता है। जबकि रैयतों द्वारा बताया जाता है कि ऑनलाइन साइबर कैफे या वसुधा केंद्र के माध्यम से संबंधित सभी दस्तावेज संलग्न कर परिमार्जन प्लस पर आवेदन करने के बाद भी जमाबंदी में सुधार नहीं होता। कुछ रैयतों ने तो अनुलग्नक सहित आवेदन दुकान से कराने की बात कर इस बात पर अड़े रहे की करीब 4 माह पहले परिमार्जन पर आवेदन किया गया तो जानकारी दी गई की परिमार्जन प्लस पर आवेदन करना है। संबंधित सभी दस्तावेज लगाकर परिमार्जन प्लस पर आवेदन कराने के बाद भी मोबाइल पर यह मैसेज आता है कि आपके आवेदन में त्रुटि पाई गई है निवारण हेतु आपके लॉगिन पर वापस कर दी गई है। बातों के दौरान पूछने पर अंचलाधिकारी ने बताया था कि आवेदक को अस्वीकृत नहीं किया गया है अनुलग्नक नहीं खुलने की वजह से आवेदन को आवेदक को वापस कर दिया गया है। जब इस प्रकार की अनेकों शिकायत लेकर लोक कार्यालय पहुंचने लगे तो इस संबंध में अंचलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो संपर्क स्थापित नहीं हो सका वहीं राजस्व अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में अंचलाधिकारी से ही कार्यालय अवधि में जानकारी लिया सकती है। अब तो दिमाग में यह बातें खटकने लगी है कि अनुलग्नक सही नहीं है या संलग्न नहीं है अपलोड नहीं है या डाउनलोड नहीं हो रहा। पर इस प्रक्रिया में जमाबंदी में सुधार नहीं हो रहा। 3 महीने बाद फिर से सर्वे काम शुरू होने पर भी लोगों की परेशानी बनी रहेगी। यह बात अलग है कि खतियान, केवाला, न्यायालय आदेश की डिजिटल कॉपी या सॉफ्ट कॉपी की व्यवस्था कर भी लें तो छुटी हुई जमाबंदी को डिजिटाइज करने हेतु और गलत जमाबंदी के सुधार के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल का ही सहारा है। विभागीय वेबसाइट पर नोटिफिकेशन है कि इस कार्य के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन राजस्व कर्मी द्वारा रखे गए सहायक के बिना चढ़ावा के कार्य कहां संभव है।

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