पास में निजी नंबर रहने से सरकारी बाबू का सीयूजी नंबर पर नहीं रहता है ध्यान
पास में निजी नंबर रहने से सरकारी बाबू का सीयूजी नंबर पर नहीं रहता है ध्यान

गौड़ की आवाज, ब्यूरो प्रमुख कैमूर, बिहार।वैसे तो हर सरकारी बाबू को सरकार द्वारा सीयूजी नंबर दिया जाता है पूर्व से दिए गए बीएसएनल नंबर पर संपर्क नहीं होने का कारण नेटवर्क कंजक्शन व नेटवर्क ना रहने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कुछ सरकारी अधिकारी को एयरटेल का नंबर तक प्रोवाइड किया गया है। लेकिन मजे की बात तो यह है कि कभी सरकारी नंबर बंद मिलता है तो कभी पहुंच से बाहर होता है और अगर कभी पूरा रिंग हो गया तो भी फोन रिसीव नहीं होता। जी हां, बात कर रहा हूं कैमूर जिले से संबंधित सभी अधिकारी की। कैमूर जिले की वेबसाइट पर संबंधित सभी अधिकारी का नाम, पदनाम और संपर्क नंबर जारी किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य एक अधिकारी दूसरे अधिकारी से और आमजन से संपर्क में रहें तथा आम जनता को छुट्टी पर रहने, कार्यालय से बाहर रहने, जांच में जाने तथा मीटिंग में रहने की जानकारी प्राप्त हो जाए। दैनिक मजदूरी करने वाले दहाड़ी मजदूर, व्यवसायी या किसान घर से कार्यालय के लिए निकलते वक्त संपर्क कर लें आज साहब रहेंगे, काम होगा कि नहीं लेकिन मजाल है कि फोन उठ जाए। इसके पीछे कारण यह है कि सीयूजी नंबर उपयोग किए जाने वाले मोबाइल में या फिर दूसरे मोबाइल फोन में हर अधिकारी का एक प्राइवेट नंबर है और कुछ चुनिंदा लोगों को वह प्राइवेट नंबर दे दिया गया है जिससे उनका काम आसान हो जाता है। पर आम जनता जिसे सरकार द्वारा जारी नंबर प्राप्त है वह उसे नंबर पर फोन लगाकर थक जाती है उसे जवाब नहीं मिलता। यह हाल बिजली विभाग, पशुपालन विभाग, वन विभाग,अंचल कार्यालय, मनरेगा कार्यालय, कृषि कार्यालय सहित लगभग सभी कार्यालय का है। यह अलग बात है कि राजस्व कर्मियों और पंचायत सचिवों को सरकारी नंबर नहीं मिलता लेकिन आमजन की सुविधा के लिए जो नंबर बोर्ड पर प्रदर्शित किया हुआ रहता है या तो उसमें रिचार्ज नहीं रहता या वह बंद रहता है या तो फिर कवरेज एरिया से बाहर। लेकिन उन साहब को फोन करना हो तो आवेदक को किसी नंबर से कर ही लेते हैं।अपने निजी नंबर कार्यालय संबंधी किसी कर्मी व चहेतों को दें तो फिर आम जनों को भी वही नंबर देना चाहिए जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।