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शहीद महेंद्र यादव के परिवार में जश्न शहादत के 8 साल बाद राष्ट्रपति ने दिया ‘पुलिस पदक’, सम्मान पाकर लौटी मां हुई भावुक

शहीद महेंद्र यादव के परिवार में जश्न शहादत के 8 साल बाद राष्ट्रपति ने दिया 'पुलिस पदक', सम्मान पाकर लौटी मां हुई भावुक

 

गौड़ की आवाज

कादीपुर सुल्तानपुर जिले के क्षेत्र में शहीद महेंद्र यादव के परिवार में उनकी शहादत के आठ वर्ष बाद खुशी का माहौल है। इसकी वजह है, “मरणोपरांत उन्हें उनकी वीरता के लिए ‘पुलिस पदक’ से सम्मानित किया है।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद की मां को यह सम्मान दिया है। आज सम्मान पाकर परिवार सुल्तानपुर स्थित पैतृक गांव लौटा है।मुड़िलाडीह तिराहे पर हुई थी राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई जिले के कादीपुर तहसील अंतर्गत मलिकपुर नोनरा गांव के रामशब्द यादव के पुत्र महेंद्र यादव (23) सात अगस्त 2016 की रात पाकिस्तानी सैनिकों के फायर में जवाबी कार्यवाई में शहीद हो गए थे। जिसके उपरांत शहीद के शव को उनके पैतृक गांव लाया गया था।मुड़िलाडीह तिराहे पर उनको राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी।जहां पर उनके परिजनों द्वारा शहीद स्मारक का निर्माण कर महेंद्र यादव की आदम कद की प्रतिमा स्थापित की गई है।राष्ट्रीय पर्व व विभिन्न अवसरों पर स्मारक स्थल पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।पाकिस्तानी आतंकियों से लिया था मोर्चा सीमा सुरक्षा बल के जारी पत्र के अनुसार 7/8 अगस्त 2016 की मध्यरात्रि 8-10 आतंकवादियों का एक समूह खराब मौसम का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान से निचत्रण रेखा पार करके एफडीएल भूरीवाला के वाटर पॉइंट तक आया। और 8 अगस्त 2016 को लगभग 05:45 बजे आतंकवादियों ने ड्यूटी पर मोर्चे में मौजूद संतरियों पर स्वचालित हथियारों से भारी गोलीबारी की। इसके साथ ही पाकिस्तान की एफडीएल हसन ने भी एफडीएल पर फायरिंग शुरू कर दी। ड्यूटी पर तैनात संतरी नं. 110601966 आरक्षक हरिकेश मीना एवं नंबर 131508327 आरक्षक तापस पॉल ने स्थिति को देखते हुए तुरंत जवाबी कार्रवाई की और एफआरपी में रहने वाले अन्य जवानों को सतर्क कर दिया। सीसुब और 17 सिख के शेष जवान, एफआरपी से बाहर आए एवं जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।अंतिम सांस तक की देश की रक्षा नंबर 143101756 उप निरीक्षक महेंद्र यादव, प्लाटून कमांडर अपनी स्टील से बाहर आ गए एवं अपनी जान की परवाह किए बिना जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। पोस्ट के अंदर आतंकवादियों के प्रवेश को विफल करने के लिए एक ग्रेनेड पूर्वी दिशा की और फेंका गया। भारी गोलीबारी के बावजूद महेंद्र एमएमजी मोर्चे की ओर बढ़े और आतंकवादियों पर एमएमजी और एलएमजी से गोलीबारी करने का निर्देश दिया। ऐसा करते समय वह आतंकवादियों की गोली से बुरी तरह घायल हो गए, लेकिन उन्होंने दूसरा ग्रेनेड एफडीएल के पूर्वी हिस्से से एफडीएल में जबरन प्रवेश करने की कोशिश कर रहे आतंकवादियों की ओर फेंका। वे अपने जीवन की अंतिम सांस तक डटे रहे और साथियों को तब तक प्रेरित करते रहे जबतक कि उन्होंने कर्तव्य की बलिवेदी पर राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान नहीं दे दिया। इसी के लिए नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें वीरता पुरस्कार दिया।छोटे भाई को रक्षा मंत्रालय की संस्तुति पर बीएसएफ में मिला है आरक्षी का पद शहीद महेंद्र यादव पांच भाइयों में तीसरे नंबर के थे। सबसे बड़े भाई नरेंद्र यादव राजस्थान में प्राइवेट जॉब करते हैं। वहीं दूसरे नंबर के भाई सुरेंद्र यादव एवं चौथे नंबर के भाई वीरेंद्र यादव गांव में खेती किसानी का कार्य करते हैं। सबसे छोटे पांचवें नंबर के भाई जितेंद्र यादव को रक्षा मंत्रालय की संस्तुति पर बीएसएफ में आरक्षी के पद पर नियुक्त किया गया है।

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