शहर के हनुमानगढ़ी पर भक्तों ने टेके माथे, बिजेथुआ महावीरन धाम पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़
शहर के हनुमानगढ़ी पर भक्तों ने टेके माथे, बिजेथुआ महावीरन धाम पर लगी श्रद्धालुओं की भीड़

गौड़ की आवाज संवाद
सुल्तानपुर में आज से बड़े मंगल की शुरुआत हुई है। शहर में स्थापित कई हनुमान मंदिरों पर जहां भक्तों ने पूजा अर्चना किया वही कादीपुर के बिजेथुआ महावीरन धाम पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा देखा गया। यहां हनुमानजी के कदमों में शीर्ष झुकाकर श्रद्धालुओं ने प्रसाद चढ़ाया और अपनी मनोकामना पूरा करने की कामना की। नगर के चौक स्थित हनुमान गढ़ी में हनुमान जी के भक्तों ने पूजा अर्चना की। हजारों की भीड़ जहां जमा हुई वहीं लोगों के लिए प्रसाद के रूप में भंडारा और शरबत की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा गोलाघाट आदि स्थानों पर राहगीरों को शरबत व पानी का वितरण किया गया। उधर कादीपुर में आस्था के केंद्र बिजेथुआ महावीरन धाम पर हजारों की संख्या में हनुमान जी के भक्त जमा हुए। यहां भी प्रसाद आदि चढ़ाकर सभी ने माथे टेके। अयोध्या से सटे कुशभवनपुर में बने बिजेथुआ महावीरन धाम में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति देशभर की अन्य मंदिरों में स्थापित प्रतिमा से अलग है। कहीं लेटे हनुमानजी हैं तो कहीं डॉक्टर के रूप में विराजमान हैं। तहसील कादीपुर के सुरापुर में बने इस मंदिर में विशेषता का कारण यहां स्थापित हनुमान जी की मूर्ति है, क्योंकि मूर्ति का एक पैर जमीन में धंसा है। यही नहीं यहां पर एक ऐसा तालाब भी है, जहां हनुमान जी ने कालनेमि के वध से पहले स्नान किया था। बिजेथुवा महावीरन धाम का जिक्र पुराणों में भी मिलता है। हनुमान जी ने तालाब में स्नान करने के बाद कालनेमि राक्षस का वध किया था। तब से आज तक यहां हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है, जिसका एक पैर जमीन में धंसा हुआ है। इसी की वजह से मूर्ति तिरछी है। यहां रहवासियों की मानें तो पुजारियों ने मूर्ति को सीधा करने के लिए खुदाई भी करवाई थी, लेकिन 100 फीट से अधिक खुदाई करवाने के बाद भी मूर्ति का दूसरा सिरा नहीं मिला। इस प्रसिद्ध धाम में तालाब भी है, जहां हनुमान जी ने स्नान किया था। इस तालाब को मकरी कुंड के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि दर्शन के लिए आए लोग पहले कुंड में स्नान करते हैं। कुंड में स्नान करने से पाप खत्म हो जाते हैं।