जिला चिकित्सालय स्थित पोषण पुर्नवास केन्द्र का भ्रमण कर निर्देश
जिला चिकित्सालय स्थित पोषण पुर्नवास केन्द्र का भ्रमण कर निर्देश

गौड़ की आवाज ब्यूरो प्रमुख पूजा राठौर श्योपुर जिले के क्षेत्र से श्योपुर, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा द्वारा गत दिनो जिला चिकित्सालय स्थित पोषण पुर्नवास केन्द्र का भ्रमण कर निर्देश दिये गये थे कि स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाये, इसी क्रम में महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेभर में अभियान चलाकर कमजोर बच्चों को चिन्हित करते हुए नजदीकी एनआरसी में भर्ती करने का क्रम जारी है। जिससे इन बच्चो के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार परिलक्षित हो रहा है।बडौदा तहसील के ग्राम बाजरली निवासी सीमा- मांगीलाल की एक वर्षीय पुत्री तमन्ना को गत 15 फरवरी को महिला बाल विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा श्योपुर एनआरसी लाया गया था, तब बालिका का वजन 5.7 किलोग्राम था और बालिका एनीमिया से ग्रसित होने के साथ ही अन्य बीमारियों से पीडित थी, एनआरसी श्योपुर में चिकित्सा विशेषज्ञो एवं डाइटिशियन की देखरेख में उचित उपचार एवं समुचित आहार के बाद बालिका के स्वास्थ्य में सुधार आया है। वर्तमान में बालिका का वजन न केवल 8 किलोग्राम हो गया है बल्कि अन्य बीमारियों से भी निजात मिल गई है।एनआरसी की डाइटिशियन निशा परोची ने बताया कि बालिका के स्वास्थ्य में अब 90 फीसदी लाभ दिखाई दे रहा है, आगामी दो से तीन के भीतर बालिका को डिस्चार्ज कर दिया जायेगा। इसके साथ ही बालिका की मॉ को उचित खानपान के संबंध में भी परामर्श दिया गया है।उल्लेखनीय है कि श्योपुर जिले में तीन एनआरसी संचालित है, जिनकी बेड क्षमता 20-20 है, स्वास्थ्य की दृष्टि से कमजोर बच्चों को एनआरसी में रखकर उनकी उचित देखभाल की जाती है। एनआरसी में कम से कम 14 दिन के लिए तथा अधिकतम 21 दिवस के लिए बच्चों को देखभाल के लिए रखा जाता है। इस दौरान उन्हें विटामिन, मिनरल्स के साथ ही पोषणयुक्त आहार डाइट प्लान अनुसार प्रदान किया जाता है। डाइटिशियन निशा परोची ने बताया कि सुबह 7 बजे दूध के साथ डाइट की शुरूआत होती है, इसके उपरांत 10 बजे स्पेशल फूड, मूंगफली, मिल्क पावडर, शक्कर, कॉकनट का मिश्रण तथा 11 बजे दलिया खिचडी या हलवा, 01 बजे दूध, 04 बजे फिर से स्पेशल फूड, 07 बजे दलिया, खिचडी या हलवा और रात 10 बजे स्पेशल फूड प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही शिशुरोग विशेषज्ञ बीमारी अनुसार उपचार के लिए दवाई भी नियमित रूप से दी जाती है।महिला बाल विकास अधिकारी ओपी पाण्डेय ने बताया कि कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा द्वारा गत दिनों दिये गये निर्देशो के अनुसार आंगनबाडी केन्द्रों पर वजन अभियान चलाकर बच्चों को चिन्हित कर एनआरसी में भर्ती कराने की प्रक्रिया जारी है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है।