संविधान का सम्मान देश के प्रत्येक नागरिक एवं राष्ट्र के गौरव का प्रतीक- डॉ सतीश चंद्र
संविधान का सम्मान देश के प्रत्येक नागरिक एवं राष्ट्र के गौरव का प्रतीक- डॉ सतीश चंद्र

गौड़ की आवाज संवाददाता चन्दन गुप्ता भाटपार रानी देवरिया संविधान दिवस के अवसर पर मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज भाटपार रानी में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ‘शपथ ग्रहण’ तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्रांगण में प्राचार्य सतीश चंद्र गौड़ ने विद्यार्थियों, प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारीयों को संविधान की सुरक्षा, सम्मान एवं पालन करने की शपथ दिलाई। सभी ने संविधान के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए इसके सम्मान की शपथ ली। इसके पश्चात महाविद्यालय सभागार में ‘भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र विषय’ पर भाषण प्रतियोगिता संपन्न हुई। महाविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने इस विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों में कुमारी खुशबू गुप्ता, दीपक कुमार, दुर्गावती गुप्ता, श्वेता यति, दिव्यानी दीक्षित, प्रिया कुमारी, इशिका ठाकुर, स्वाति पांडेय, हिमांशु पांडेय, नंदिनी पांडेय, दीप्ति पांडेय, अंकित मद्धेशिया, प्रियम कुमारी, शाही कुमार, सलमा खातून, मोनू एवं ऋतुराज रहे।भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान दीप्ति पांडेय, द्वितीय स्थान अंकिता मद्धेशिया, तृतीय स्थान नन्दिनी पांडेय ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता के पश्चात विद्यार्थियों को उपस्थित प्राध्यापकों ने भी संबोधित किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते डॉ दिनेश कुमार शर्मा ने संविधान की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए संविधानवाद अपनाने पर बल दिया । उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधानवाद वैधानिक नैतिकता के द्वारा ही उत्पन्न हो सकता है, और यह नैतिकता प्रकृति जन्य नहीं होती, इसे अभ्यास के द्वारा सीखना पड़ेगा। प्रो सुधीर शुक्ला ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करना है तो संविधान का अध्ययन करना होगा, उसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा, तथा समाज को भी जागरूक करना पड़ेगा।डॉ मनोज राय, डॉ पूनम यादव, डॉ धर्मजीत मिश्रा, डॉ अन्शुमान सिंह,डॉ कमलेश, डॉ अभिमन्यू पांडेय, डॉ विदुषी सिंह, डॉ सुदीप, डॉ अजय कुमार सिंह, ने भी सम्बोधित कर विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ रणजीत सिंह ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यालय अधीक्षक शिव प्रसाद एवं स्टोनो बाबू प्रवीण शाही का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।