क्राइम दुर्घटना

सोमवार को दूसरी बार आयोजित मीटिंग में बीडीओ की कारगुजारी से हंगामा

सोमवार को दूसरी बार आयोजित मीटिंग में बीडीओ की कारगुजारी से हंगामा

सुल्तानपुर जिले के क्षेत्र में धनपतगंज ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी विवादों का कारण बन गए हैं। ब्लॉक पर होने वाली मीटिंग में वो कुछ एक माननीयों के दबाव में नियमों को ताक पर रख रहे हैं। नतीजा ये हुआ कि सोमवार को दूसरी बार आयोजित मीटिंग में बीडीओ की कारगुजारी से हंगामा हो गया। क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने हंगामे के दौरान बीडीओ को कहा कि आप सेलेक्टेड हैं इलेक्टेड नहीं। एक जनप्रतिनिधि के दबाव में बिना कोरम पूरा किए 15 मिनट में बैठक को समाप्त कर दिया गया।


सोमवार को धनपतगंज ब्लॉक पर क्षेत्र पंचायत सदस्यों व ग्राम प्रधानों की बैठक सुबह 11 बजे बुलाई गई थी। यहां सत्तारूढ़ दल के एक जनप्रतिनिधि की मौजूदगी में बैठक का कोरम पूरा किए बगैर ही 15 मिनट में बैठक समाप्त कर दी गई। दूसरे पक्ष के क्षेत्र पंचायत सदस्य बैठक में शामिल होने पहुंचे तो या तो पुलिस लगाकर उन्हें अंदर जाने से रोका गया या फिर उनसे ये कहा गया कि बैठक समाप्त हो गई है। जिसके बाद ब्लॉक परिसर में जमकर हंगामा हुआ। पूर्व ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू और उनके समर्थको से बीडीओ व एसएचओ धनपतगंज की तीखी नोक झोंक भी हुई। बता दे कि थानेदार पूर्व से ही विवादित इंस्पेक्टर के रुप में गिने जाते रहे हैं।बता दे कि इस बीच मीटिंग रजिस्टर आया तो उसमें कई अनुपस्थित ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायतो की साइन पर हंगामा भी हुआ। पूर्व प्रमुख ने बताया कि 11 बजे बैठक बुलाई गई थी और 11.20 पर बैठक खत्म हो गई। उन्होंने ये भी बताया कि एक दिन पूर्व ही कई क्षेत्र पंचायत सदस्य की साइन ले ली गई थी। आज जब कई एक क्षेत्र पंचायत सदस्य गेट पर पहुंचे तो पुलिस लगाकर उन्हें अंदर जाने से रोका गया। उन्होंने ये भी बताया कि कुल 86 बीडीसी और 66 प्रधानों को बैठक में शामिल होना था जबकि बैठक में केवल 17 प्रधान और 35 बीडीसी ही शामिल हुए।क्षेत्र पंचायत सदस्य ने बताया कि न मीटिंग की जरुरत पड़ी और न कोरम की। खंड विकास अधिकारी बता रहे यहां कोरम की जरूर नहीं है, और मीटिंग हो गई है। हम लोगों ने बार-बार कहा हाल में चलिए मीटिंग में जो होता है उसे कीजिये लेकिन ये धनपतगंज ब्लॉक के विकास का इतिहास गन्दा कर दे रहे हैं। वही सम्बन्ध में कई बार बीडीओ धनपतगंज विमलेश त्रिवेदी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने काल लेना मुनासिब नहीं समझा।

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