क्राइम दुर्घटना

अवैध आरा मशीनों के संचालन

अवैध आरा मशीनों के संचालन

गौड़ की आवाज रिजवान अहमद सुल्तानपुर। अवैध आरा मशीनों के संचालन में सुप्रीम कोर्ट  द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से जिले में बिना रोक-टोक अवैध आरा मशीने संचालित हो रही है। बताते चलें कि पिछले कुछ माह पहले वन विभाग द्वारा जिन अवैध आरा मशीनों को बंद कर दिया गया था उन आरा मशीनों का संचालन फिर से शुरू हो जाना वन विभाग और स्थानीय पुलिस पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। सूत्र बताते हैं कि यदि अवैध रूप से संचालित हो रही आरा मशीनों को विभाग द्वारा बंद कर दिया जाए तो वन विभाग व पुलिस को हर महीने लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है जिसकी वजह से अवैध आरा मशीन संचालकों को पुलिस व वन विभाग का संरक्षण मिल रहा है। इन आरा मशीनों के संचालन के लिए हर फलदार पेड़ की लड़कियों को लकड़ी माफिया द्वारा बेखौफ तरीके से काट कर आरा मशीनों में प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है। न तो पेड़ कटान का परमिट लिया जाता है और न ही लकड़ी को इधर से उधार ले जाने के लिए ट्रांजिट परमिट लिया जाता है। नियमों की बात करें तो हरे पेड़ के कटान पर परमिट मिल ही नहीं सकता है लेकिन फिर भी अवैध तरीके से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लकड़ी माफिया हरे पेड़ों के कटान में लगे रहते हैं। इन पर न तो वन विभाग और न ही क्षेत्रीय थाने की पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है। वैसे तो जिले भर में लगभग सैकड़ो अवैध आरा मशीनें संचालित हो रही है लेकिन केवल गोसाईगंज थाना क्षेत्र की बात करें तो इस थाना क्षेत्र में लगभग आधा दर्जन अवैध आरा मशीन ने संचालित हो रही है, जिनमें से सैफुल्लागंज सदर तहसील अंतर्गत अनीस अहमद, मेजर, रफीक अहमद, इटकौली तथा तहसील जयसिंहपुर अंतर्गत, बृजलाल वर्मा कन्नाईत, मुन्ना खान महादेवपुर, गुड्डू उपाध्याय हयात नगर यह सभी आरा मशीने बीते दिनों वन विभाग द्वारा बंद करा दी गई थी लेकिन इनका संचालन पुलिस व वन विभाग के संरक्षण में फिर से चालू कर दिया गया है। एक तरफ जहां राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए लाखों लाख पेड़ लगाने का अभियान चला रही है तो वहीं दूसरी तरफ वन महकमा और स्थानीय पुलिस हरियाली पर आरे चलवाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कैसे होगा पर्यावरण संरक्षण बड़ा प्रश्न है?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button