इमाम ज़ैनुल आबेदीन की शहादत पर सैदपुर में हुई शब्बेदारी
इमाम ज़ैनुल आबेदीन की शहादत पर सैदपुर में हुई शब्बेदारी

सुलतानपुर जिले के थाना गोसाईगंज क्षेत्र में शिया समुदाय के चौथे इमाम हज़रत इमाम ज़ैनुल आबेदीन की शहादत के मौके पर चीनी मिल सैदपुर गांव में रात भर शब्बेदारी का आयोजन हुआ। मजलिस को मौलाना सैफ आब्दी ने सम्बोधित किया।हुसैनिया अबूतालिब में मजलिस को सम्बोधित करते हुए मौलाना ने कहा इमाम-ए सज्जाद को कैदी बनाया गया लेकिन उन्होंने इबादत को तर्क नहीं किया। उन्होंने कहा यूं तो हमारे बारह इमाम हैं, 11 की हुकूमत रही। बारहवा पर्दे में है
लेकिन जिस तरह की इमामत इमाम-ए सज्जाद ने की किसी और इमाम ने नहीं की। मौलाना ने कहा कि इमाममत मिलते ही पहला सवाल जो आया है वो ये कि उनकी फूफी ज़ैनब ने पूछा खेमे में आग लग गई है, चादरे छिन गई हैं अब बताओ तुम इमाम-ए वक़्त हो। खेमे में जलकर मर जाए या बे रेदा बाहर आए। तब इमाम ने कहा की जान का बचाना ज़रूरी है मौलाना ने कहा कि इमाम-ए सज्जाद पर सबसे सख्त वक़्त वो था जब वो गयारह मोहर्रम को असीर करके ले जाए जा रहे थे तो उन्होंने करबला के मैदान में देखा तो यजीद के सिपाहियों की लाशे दफन कर दी गई थी। लेकिन उनके बाबा इमाम हुसैन का जनाजा बे ग़ुस्ल और कफ़न पड़ा था। अंजुमनो ने पेश किया पुरसा शब्बेदारी में अंजुमन पंजतनी तुराबखानी, अंजुमन अकबरिया भाईं, अंजुमन जीनतुल अजा रजिस्टर्ड अलीगढ, अंजुमन मज़लूमें हुसैनी छतौना, अंजुमन मासूमिया फैज़ाबाद व अंजुमन जाफ़रिया पतार आजमगढ़ ने नौहा मातम किया। शब्बेदारी का संचालन नजर सुल्तानपूरी ने किया। यहां जमीरुल हसन, मोहम्मद शाकिर उर्फ़ अंजुम, मौलाना एलिया, शबीह अहमद उर्फ़ बब्लू रिज़वी, डॉ जफर आदि मौजूद रहे। यह जानकारी अज़हर अब्बास ने दी।