उत्तर प्रदेश

बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध

बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध

सुल्तानपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों ने दरियापुर मंडल कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि निजीकरण की तैयारी के तहत बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों को मनमाने तरीके से नौकरी से निकाला जा रहा है।समिति के अनुसार, 2019 के एक आदेश का हवाला देकर 55 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संविदा कर्मियों को नौकरी से हटाया जा रहा है, जबकि ये कर्मचारी पिछले 6 वर्षों से कार्यरत हैं। करीब 1200 संविदा कर्मचारियों को पहले ही हटाया जा चुका है, जिनमें सभी 55 वर्ष के नहीं हैं। समिति का कहना है कि निजीकरण के बाद निजी कंपनियों की सुविधा के लिए 25 प्रतिशत संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है, जिससे प्रदेश भर में लगभग 20,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि कई संविदा कर्मी विभाग में काम करते हुए विकलांग हो चुके हैं और उन्हें भी नौकरी से निकाला जा रहा है। विरोध सभा के बाद कर्मचारियों ने ऊर्जा प्रबंधन द्वारा जारी किए गए निजीकरण के टेंडर दस्तावेजों को जलाकर विरोध जताया। यह विरोध प्रदर्शन 7 फरवरी तक जारी रहेगा, जिसमें आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।अंजनी कुमार, विशाल श्रीवास्तव, जगदीश, अरुण, सचिन, आनंद, अजय, नीरज, अशोक, मोहम्मद सैफ, अयोध्या प्रसाद, देवी मिश्र, संजय, उमेश, सोनम, कामता प्रसाद, मनीष, अवधेश, पवन, राकेश, माधव, अनिल, रवि, आशीष, आदि समेत सैंकड़ों बिजली कर्मी सम्मिलित हुए।

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