तहसीलदार और लेखपाल का खेल: सुबह क्लीनचिट, शाम को केस दर्ज; हाईकोर्ट सख्त, डीएम ने झाड़ा पल्ला
तहसीलदार और लेखपाल का खेल: सुबह क्लीनचिट, शाम को केस दर्ज; हाईकोर्ट सख्त, डीएम ने झाड़ा पल्ला

सुल्तानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। जयसिंहपुर तहसील के राहिलापारा गांव में गाटा संख्या 408 पर स्थित तालाब की जमीन को लेकर विवाद गहराया है।मामला 2010 का है, जब राजेंद्र पांडेय ने सत्यदेव सिंह पर जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया। 2014 में लेखपाल ने प्रधान की मौजूदगी में जांच की और कोर्ट में बयान दिया कि सत्यदेव सिंह का जमीन पर कोई कब्जा नहीं है। 2018 में कानूनगो ने भी यही बात दोहराई।हालिया घटनाक्रम में, 6 मार्च 2024 को पुनः पैमाइश का आदेश हुआ। तत्कालीन तहसीलदार हृदय राम तिवारी के सामने पैमाइश के बाद 12 मार्च को दिन में मामला खारिज कर दिया गया। लेकिन उसी दिन शाम 5 बजे अचानक सत्यदेव सिंह पर फिर से केस दर्ज कर दिया गया। आरोप है कि लेखपाल हरिवंश चौरसिया ने 50 हजार रुपए की मांग की थी।इस मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 7 जनवरी 2025 को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कब्जा था तो पहली जांच में ही सामने आना चाहिए था। कोर्ट ने एसडीएम को मामले का निस्तारण करने का आदेश दिया, लेकिन एसडीएम ने फिर से पैमाइश का आदेश दे दिया। पीड़ित पक्ष ने डीएम से शिकायत की, लेकिन उन्होंने मामले को एसडीएम पर टाल दिया।