राष्ट्रीय खबरें

अमारी गोशाला के बगल गांवो में तहस नहस हो रही किसानों की फसलें, जिम्मेदार मौन

अमारी गोशाला के बगल गांवो में तहस नहस हो रही किसानों की फसलें, जिम्मेदार मौन

गौड़ की आवाज ब्यूरो सुल्तानपुर में भी गोवंशों के रहने व चारे के लिए सरकार का मोटा बजट पास हुआ है। लेकिन यह बजट कागज पर खूब खर्च हो रहा और जमीनी हकीकत इसकी सामने है।भदैंया ब्लॉक क्षेत्र में गो आश्रय केन्द्रों की व्यवस्था बेपटरी होने से बेसहारा पशु गांवों के खेत, खलिहानों में पहुंचकर धान की फसलों को तहस नहस कर रहे हैं।भदैंया ब्लॉक से जुड़ा मामलाभदैंया ब्लॉक के सौंराई गांव में तथा अमारी गांव मे दो पशु आश्रय केन्द्र बनाया गया है। सौंराई में साढे 350 पशु हैं तो व्यवस्था ठीक है। वहीं अमारी में फिलवक्त 295 बेसहारा पशु हैं। जिनमें सभी गोवंश ही हैं। पशुओं के लिऐ दो-छोटे टीन शेड बनाए गए हैं। गो आश्रय स्थल पर व्यवस्थाएं बेपटरी हैं। यहां पर पकड़कर छोड़े गए पशु कुछ दिनों में ही पुनः चहार दीवारी न होने से बंधा फांदकर पतीपुर, सकवा, बोखारेपुर आदि गांव के खेतों मे पहुंच जा रहे हैं।पुनः भाग जा रहे गोवंश.झौवारा गांव से 28 जुलाई को डीएम से शिकायत पर पशु महकमे ने एक आवारा सांड पकड़कर सौंराई पहुंचाया जो पखवारे भर बाद पुनः वापस गांव लौट आया है। गोशाला के बगल अमारी गांव में मौजूदा समय में तीस से अधिक सांड व गोवंशीय पशु खेतों में धान की फसल को बरबाद कर रहे हैं।ग्रामीणो का कहना है कि गोशाला में चारा पानी न मिलने से पशु बंधा फांदकर सीवान मे पहुच गये है जो धान, मक्का, अरहर सहित हरी फसलें नष्ट कर खेतों को तहस नहस कर रहे हैं। आजिज ग्रामीण व किसान रात में पशुओं से खेतों की निगरानी कर रहे है। बेलासदा, हनुमानगंज व अभियाकला, पखरौली में भी आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान किया जा रहा है। गांव की सड़कों पर आवारा मवेशियों से दुर्घटनाऐं भी हो रही हैं।हमारा काम गोशाला की व्यवस्था देखना सांड पकड़ना नहींपंचायत सचिव नीलकमल कनौजिया ने बताया कि हमारा काम गोशाला की व्यवस्था देखना है हम गांव-गांव सांड नहीं देख पाएगे। एडीओ पंचायत भदैंया सतीश श्रीवास्तव ने बताया कि अमारी गोशाला के आसपास पशुओं के भारी संख्या में रहने की जानकारी नहीं है। कल ही इसकी जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाएगी।प्रतिदिन पशुओं के भोजन का हो रहा 9000 का भुगतानभदैंया के दोनो गो आश्रय स्थल सौंराई की व्यवस्था राम भरोसे है। सही चारा भूसा न मिलने से पशु आश्रय केन्द्र की दीवार लांघकर सीवान व खेतों तक पहुंच रहे हैं। आश्रय केन्द्र में रहन सहन के अलावा पशुओं को भोजन के लिऐ प्रतिदिन पचास रूपये का भुगतान किया जा रहा है। सौंराई मे कुल 350 पशु मौजूद है तो अमारी में 250 पशु हैं। जिनके लिए सरकार प्रति पशु प्रतिदिन पचास रूपये का भुगतान कर रही है, फिर भी पशुओ की देख रेख नहीं हो पा रही है। यह आश्रय केन्द्र मनरेगा योजना से बना है जिसमे जेसीबी मशीन से गड्ढा खोदकर खांई बनाई गयी है और टीन शेड समरेबल पंप व गेट लगाया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button