सूर्य को दिया अर्घ्य छठ मइया के पूजन के लिए सरयू तट पर जनसैलाब उमड़ा, लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन
सूर्य को दिया अर्घ्य छठ मइया के पूजन के लिए सरयू तट पर जनसैलाब उमड़ा, लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन
गौड़ की आवाज ब्यूरो अयोध्या जिले के क्षेत्र में शुक्रवार को मां सरयू नदी के तट पर लाखों लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का महापर्व समाप्त हो गया। व्रती महिलाओं ने अपने 36 घंटे के कठिन व्रत को पूर्ण किया। नयाघाट, गुप्तारघाट में श्रद्धालुओं को जनसैलाब उमड़ा। मां सरयू में डुबकी लगाने के साथ ही छठ मइया का किया। सुहागिन महिलाओं ने पति के लम्बी उम्र की कामना किया। इसके साथ ही सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी मांगा।छठ पर्व की शुरुआत ‘नहाय खाय’ से होती है, जिसमें व्रती महिलाएं पवित्र स्नान के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। दूसरे दिन ‘खरना’ होता है, जिसमें पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को गुड़, दूध और चावल से बनी खीर खाई जाती है और उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है। तीसरे दिन व्रती महिलाएं और पुरुष डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।शुक्रवार को सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु नयाघाट, गुप्तारघाट के विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगे। वहीं छठ को लेकर रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर, गोसाईगंज में भी जगह-जगह तालाबों और सरोवरों में घाट बनाए गए थे, जहां छठी मैया की विशेष कृपा पाने की आशा में महिलाएं हाथों में दीपक और सिर पर टोकरी लेकर पहुंचीं। टोकरी में गन्ना, फल, ठेकुआ, और अन्य पूजा सामग्री रखी गई थी। सुबह-सुबह जैसे ही भगवान भास्कर ने अपनी किरणें फैलाईं, घाटों पर “जय छठी मैया” के नारों से वातावरण गूंज उठा।