जश्न-ए ईद मिलादुननबी, एक ओर गणपति बप्पा की सजी मूर्ति दूसरी ओर लगा मस्जिद-ए अक्सा का मंच
जश्न-ए ईद मिलादुननबी, एक ओर गणपति बप्पा की सजी मूर्ति दूसरी ओर लगा मस्जिद-ए अक्सा का मंच

गौड़ की आवाज ब्यूरो सुल्तानपुर जिले के क्षेत्र में का धर्म की सियासत के बीच सुल्तानपुर में गंगा जमुनी तहजीब जीत गई है। शहर के राहुल चौराहे पर जहां एक ओर हिंदू भाइयों ने गणपति बप्पा की मूर्ति सजा रखी है वही दूसरी ओर जश्न-ए मोहम्मदी का मंच सजा है। आरती के समय जश्न का माइक बंद कर दिया जाता है तो नात ख्वानी के वक़्त पंडाल का माइक बंद कर दोनों समुदाय के लोग आपसी सौहार्द को बरकारार रखने का ऐलान कर रहे हैं।दरअस्ल सोमवार को जिले भर में जश्न-ए मोहम्मदी की धूम रही। गुफरान सैफी ने बताया कि मुसलमानो के आखरी नबी हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर नगर के चौक स्थित जामा मस्जिद से एक जुलूस निकाला गया। जो गंदानाला, डाकखाना, शाहगंज, बाधमंडी, अन्नू चौराहा से खैराबाद होते हुए मदरसा जामे अरबिया पहुंचा। यहां आतिशबाजी आदि का प्रोग्राम और सलातो सलाम हुआ। दिन भर लंगर बाटा जाता रहा।देर शाम चौक, गन्दानाला, डाकखाना, पलटन बाजार, शाहगंज, बाधमंडी, जमाल गेट, दरियापुर तिराहा पर बने स्टेजो पर अंजुमनो ने नात ख्वानी पेश की। इस बीच राहुल चौराहे पर अंजुमन द्वारा स्टेज तैयार किया गया है। सरफराज अहमद इदरीसी बताते हैं कि दो ओर गणपति बप्पा की मूर्तियां सजी हुई हैं बीच में हमारा स्टेज सजा है। जहां आरती के समय हम माइक बंद कर देते हैं और हमारे प्रोग्राम के समय हमारे हिंदू भाई साउंड बंद करते हैं। हम लोग यहां शाकाहारी लंगर का इनतेजाम करते हैं जिसे हिंदू भाई साथ में मिलकर बटवाते हैं।बता दें कि दो त्यौहार साथ में मिल जुलकर मनाने की ये परम्परा सुल्तानपुर में पुरानी है। पर्व शांति पूर्वक सम्पन्न हो इसके लिए सीओ सिटी शिवम मिश्रा के साथ निसार ऊर्फ भोला, गुलाम मोईनुद्दीन, खुर्शीद अहमद, मो इलियास, कामरान जफर, अर्शी आदि लगे हुए हैं।