मुर्गी पालन ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका का अच्छा स्रोत- डॉ अंकुर शर्मा
मुर्गी पालन ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका का अच्छा स्रोत- डॉ अंकुर शर्मा

गौड़ कि आवाज संवाददाता चन्दन कुमार गुप्ता भाटपार रानी देवरिया भाटपार रानी कृषि विज्ञान केंद्र, मल्हना, देवरिया के तत्वावधान में आर्या परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण युवक एवं युवतियों के लिए “मुर्गी पालन द्वारा आजीविका अर्जन” विषय पर पांच दिवसीय अन्तः परिसर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ मान्धाता सिंह ने मुर्गी पालन द्वारा लघु तथा सीमान्त किसान परिवारों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों के सृजन पर प्रकाश डाला l उन्होंने आगे बताया कि छोटी जोत वाले किसानों के लिए खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन आय का अच्छा स्रोत बन सकता है। इस अवसर पर कार्यक्रम के समन्वयक पशु जैव-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ अंकुर शर्मा ने प्रतिभागियों को मांस तथा अंडो के उत्पादन में काम आने वाली मुर्गियों की विभिन्न देशी-विदेशी तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए खास तौर पर विकसित की गयी नस्लों की पहचान एवं विशेषताओं की जानकारी दी तथा बाजार की मांग के अनुरूप नस्लों के चयन पर जोर दिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉ कमलेश मीणा ने बताया कि मुर्गी पालन आजीविका का अच्छा साधन होने के अलावा पारिवारिक पोषण-सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इस प्रशिक्षण में आगामी दिनों में महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, बीमारियों से बचाव, टीकाकरण, एवं रोगों के प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण में अंचल मिश्रा, विश्वनाथ प्रताप सिंह, विनय सिंह, संजय कुशवाहा, प्रियंका देवी, अलिफ़, राजन, दीक्षा, संध्या सहित अनेक प्रतिभागियों ने भाग लिया।