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बल और माया प्राप्ति के अहंकार से होती है दुर्गति – हृदेश कृष्ण शास्त्री

बल और माया प्राप्ति के अहंकार से होती है दुर्गति - हृदेश कृष्ण शास्त्री

गौड़ की आवाज राज बहादुर राना जयसिंहपुर: सुलतानपुर जनपद की तहसील क्षेत्र जयसिंहपुर के कोंची गांव में चल रही श्रीमद्भागवत भागवत कथा रस पान कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये।जीवन में आये कष्ट,दुष्प्रवृत्ति के कारण और निवारण का व्याख्यान प्रतापगढ़ से पधारे भागवत किंकर हृदेव कृष्ण शास्त्री ने बड़े मार्मिक ढंग से समझाया।चारो धाम की तीर्थयात्रा कर लौटे मुख्य यजमान परमानंद मिश्र और उनकी पूजनीया माता गायत्री मिश्रा धर्मपत्नी स्मृति शेष राम जग मिश्र ने भागवत कथा का अनुष्ठान कर भण्डारे का आयोजन किया है। संतोष मिश्रा के संयोजन में चल रही कथा में पधारे श्रद्धालु जन, भगवत्भक्त जनों ने संगीतमयी कथा का श्रवण कर आनंदित हुए। कथाकार ने वाल्मीकि के रत्नाकर ने विद्वान बनने की कथा के माध्यम से मानव को बुराइयों को त्याग कर आत्मोत्कर्ष पहुंचने का मर्म को समझाते हुए कहा कि किसी उपलब्धि,बल बुद्धि और माया प्राप्ति से अहंकार पालने से लोग कष्टों में फंसते चले जाते हैं। आचार्य ने रामायण, महाभारत, पुराणों के पात्रों के गुण कर्म के आधार पर आज विकृतियों विकारों को दूर करने और संभलने का मार्ग प्रशस्त करने का सफल प्रयास किया। सृष्टि रचना का सरल सुंदर वर्णन किया।प्रासंगिक भक्ति गीतों पर सभी झूमते नजर आये।कथा की पूर्णाहुति 27मार्च और 28 मार्च 2025 को विशाल भण्डारे का विधान किया गया है। कार्यक्रम में मुम्बादेवी के भक्त पं०जनार्दन मिश्र, अयोध्या मिश्र,सरजू मिश्र,राजेन्द्र मिश्र,चन्द्रपाल सिंह, राम जिबोध मिश्र,दद्दन मिश्र, रमापति मिश्र अखिलेश दूबे,सुरेन्द्र दूबे सहित दूर-दूर से पधारे पुण्यात्माओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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