आगामी पर्वाे एवं त्यौहारों के दृष्टिगत जनपद में कानून एवं शान्ति व्यवस्था हेतु धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू
अमेठी गौड़ की आवाज ब्यूरो जिला के अपर जिला मजिस्ट्रेट(वि0/रा0) अर्पित गुप्ता ने बताया कि माह सितम्बर, अक्टूबर एवं नवम्बर 2025 में नवरात्रि, दुर्गापूजा, दशहरा, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज, छठपूजा, चित्रगुप्त एवं आचार्य नरेन्द्र देव जयन्ती व गुरू नानक जयन्ती/कार्तिक पूर्णिमा आदि पर्व/त्यौहारों के दृष्टिगत जनपद के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने तथा जनसामान्य के जीवन की सुरक्षा हेतु वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार जनहित में भा0ना0सु0सं0-2023 की धारा-163 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए यह निषेधाज्ञा 26 सितम्बर 2025 से 05 नवम्बर 2025 तक सम्पूर्ण जनपद में प्रभावी रहने के साथ ही जनपद की सीमा में सामान्य रूप से रहने व आने-जाने वाले सभी नागरिकों/व्यक्तियों पर लागू होगी तथा निषेधाज्ञा का उल्लंघन भा0न्या0सं0 की धारा-223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। उन्होंने बताया कि आगामी पर्व/त्यौहारों के दौरान अधिक सावधानी बरते तथा किसी प्रकार के जूलूस इत्यादि प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही आयोजित किया जाये, सार्वजनिक स्थान पर 5 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित नहीं होगें, किसी प्रकार से धार्मिक उत्तेजना फैलाना (ऐसा भाषण देना, सामग्री वितरण आदि) व जूलुस, सामाजिक विद्वेश पूर्ण कार्य, व्यवहार, आचरण एवं व्यक्तियों के बीच वैमनस्य व भ्रम फैलाना, धार्मिक जातीय वर्गीय विभाजन सम्बन्धी कोई भी कथन व कृत्य पूर्णतया प्रतिबंधित होगा तथा पटाखों/आतिशबाजी की दुकानें/गोदाम आबादी क्षेत्र से दूर खुले स्थान पर लगाये व फायर टेण्डर की समुचित व्यवस्था रखें, गोवर्धन पूजा के दिन शोभा यात्रा/जुलूस के दौरान शान्ति/कानून एवं व्यवस्था हेतु समुचित पुलिस/प्रशासन का प्रबन्ध किया जाए व भैयादूज के अवसर पर रेलवे व बस स्टेशन सहित भीड़ वाले स्थानों पर विशेष दृष्टि पुलिस द्वारा रखी जाय ताकि अवांछनीय तत्व महिलाओं से छेड़खानी या आभूषण लूटने जैसे अपराध न कर सकें। दीपावली के अवसर पर रेलगाड़ियों, रेलवे व बस स्टेशनों, बाजार, भीड़ वाले अन्य धार्मिक आयोजन स्थल, मनोरंजन केन्द्र पर वांछित सुरक्षा व्यवस्था की जाए विस्फोट से सम्बन्धित ड्रिल व चेकलिस्ट का अभ्यास करा लिया जाए, किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा मार्ग व विद्युत लाइन की गतिशीलता का अवरोध और न ही इसके लिए किसी को दुष्प्रेरित करेगा साथ ही किसी विद्युत उपकेन्द्रों/कार्यालय व विद्युत संयंत्रों को क्षति नही पहुॅचायेगा एवं कोई भी व्यक्ति घातक हथियार लेकर नहीं चलेगा तथा ढेला, ईंटा, पत्थर, सोडा वाटर की बोतलें आदि एकत्र नहीं करेंगे, मन्दिर/मस्जिद/गुरूदारा/चर्च आदि धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की ध्वनि धार्मिक स्थल तक ही सीमित रहेंगे तथा म्यूजिक सिस्टम/लाउडस्पीकर का सार्वजनिक प्रयोग बिना अनुमति वर्जित होगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा से सम्बन्धित परीक्षा परिसर में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रानिक वस्तुएं/अनुचित साधन पूर्णतः प्रतिबन्धित होगी, प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर 200 गज की परिधि में आवश्यक निषेधाज्ञा लागू की जाय व गेस पेपर, गाईड बुक, क्वैशचन बैंक, साल्ड, अनसाल्ड पेपर, परीक्षा समाप्ति तक किसी भी अभ्यर्थी अथवा प्रश्नपत्र को परीक्षा केन्द्र के बाहर जाने से तथा परीक्षा अवधि में 100 मीटर की परिधि में फोटो कॉपियर मशीन की दुकान खोलने एवं संचालन प्रतिबंधित रहेगा व प्रत्येक परीक्षा केन्द्र के अन्दर एवं बाहर 100 मीटर की परिधि के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं तथा परीक्षा संचालन से जुड़े प्रशिक्षकों, अधिकारियों अथवा कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य किसी का प्रवेश व परीक्षा केन्द्र के अन्दर सेलुलर फोन अथवा इलेक्ट्रानिक उपकरण कार्बन आदि प्रतिबंधित होगा तथा परीक्षा केन्द्र के आस-पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, परीक्षा केन्द्र के बाहर समाज विरोधी व्यक्तियों का एकत्र होना पूर्णतया प्रतिबंधित होगें। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जनपद की सीमा के अन्दर लाठी, डण्डा (अंधे व अपाहिज तथा सिख धर्म द्वारा रखे जाने वाले कृपाण को छोड़कर) तेज धार वाले चाकू तथा नुकीले शस्त्र जैसे तलवार, बरछी, गुप्तियां, कटार, फरसा, संगीन, त्रिशूल अथवा आग्नेयशस्त्र, ज्वलनशील पदार्थ, घातक हथियार आदि लेकर नही चलेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करेगा तथा ड्यूटीरत पुलिसकर्मी/अर्द्ध सैनिक बल पर ये प्रतिबन्ध लागू नहीं होगें, कोई भी व्यक्ति अपने घर की छत पर या घर के बाहर अथवा सार्वजनिक स्थान पर ईंट, पत्थर आदि के टुकड़े एकत्र न करें। उन्होंने बताया कि मा0 उच्च न्यायालय के आदेशानुसार ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण) नियम-2000 के प्राविधानों के क्रम में औद्योगिक क्षेत्र में दिन/रात्रि के समय 75/65 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में 65/45 डेसीबल, अध्यारित क्षेत्रों में 55/45 डेसीबल तथा शान्त क्षेत्र में 50/40 डेसीबल अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है, इसका पूर्णतः अनुपालन आवश्यक होगा। डी0जे0 80 डेसीबल से अधिक ध्वनि विस्तारक एवं रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति के नही करेंगे, निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि विस्तारक से डी0जे0 का प्रयोग करने की दशा में इस आदेश, नियमों/सीमा से अधिक का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी व भा0न्या0सं0 की धारा-223 व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत इसे दण्डनीय अपराध माना जायेगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण/नगर निगम/स्वास्थ्य विभाग/सफाईकर्मी के साथ अभद्रता अथवा मारपीट करने पर उसके विरूद्ध विधिपूर्ण कार्यवाही की जायेगी व सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन का उत्तरदायित्व होगा कि ग्रुप से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भड़काऊ अफवाह फैलाने सम्बन्धित कोई पोस्ट न करे, यदि कोई व्यक्ति ऐसा पोस्ट करता है तो ग्रुप एडमिन उसे तत्काल डिलीट कराते हुए सम्बन्धित व्यक्ति को ग्रुप से बाहर करे और स्थानीय पुलिस को सूचित भी करें। जनपद की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पुतला न जलायेगा और न ही ऐसा आचरण प्रस्तुत करें जिससे किसी प्रकार शान्ति व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना हो। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा नशे में अश्लील शब्दों का प्रयोग एवं खतरनाक तरीके से वाहन चलाना, दुकानदारों, राहगीरों, वाहन चालकों से जबरन चन्दा वसूलना, सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से किसी प्रकार की भ्रामक/अपुष्ट खबर प्रसारित करना, आपत्तिजनक/अनाधिकृत पोस्ट करना प्रतिबन्धित होगा इसके साथ यह आदेश शव, श्मशान स्थल पर, सभी सम्प्रदाय के सांस्कृतिक कार्यक्रम में एकत्र 5 से अधिक व्यक्तियों पर तब तक लागू नही होगा, जब तक उक्त स्थल पर एकत्रित व्यक्तियों से भारत/राज्य की किसी संहिता, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो, लोकशान्ति विक्षुब्ध होने का खतरा न हो तथा महामारी आदि के दृष्टिगत शासन द्वारा निर्गत यथा आदेश/निर्देश प्रभावी होंगे एवं सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, परम्परागत कार्यक्रमों का आयोजन नियमानुसार सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से आदर्श आचार संहित का पालन करते हुए किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद की सीमा के अन्दर किसी भी साइबर कैफे के स्वामी/संचालक द्वारा किसी भी अनजान व्यक्ति को जिसका परिचय किसी विश्वसनीय प्रमाण पत्र जैसे परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट फोटो, क्रेडिट कार्ड, पैनकार्ड व ऐसे ही अन्य साक्ष्य से प्रमाणित न हो, साइबर कैफे का उपयोग नही करने दिया जायेगा एवं समस्त आगन्तुकों/प्रयोगकर्ताओं का रजिस्टर में उनके हस्तलेख में नाम, पता, दूरभाष नम्बर, परिचय का प्रमाण पत्र अंकित कराये बिना संचालित/साइबर कैफे का प्रयोग नही किया जायेगा तथा साइबर कैफे में बिना एक कैमरा लगाये जिसमें प्रत्येक आगन्तुकों/प्रयोगकर्ताओं की फोटो खींची जा सके तथा उसका अभिलेख सुरक्षित रखा जायेगा इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आदेश के व्यापक प्रचार-प्रसार सम्बन्धित प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में लाउडस्पीकर द्वारा करायेंगे तथा आदेश की प्रतियॉ प्रमुख स्थल, तहसील, स्थानीय निकाय के कार्यालयों तथा कलेक्ट्रेट के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाय।