रबी 2025 के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता
किसान भाइयों से रासायनिक उर्वरक के संतुलित प्रयोग की अपील
सुल्तानपुर गौड़ की आवाज ब्यूरो।जिला के रबी 2025 सीजन में जनपद के किसानों को गुणवत्तायुक्त फास्फेटिक, जैविक तथा नैनो उर्वरकों की समय से उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। गेंहूँ, दलहनी व तिलहनी फसलों की बुवाई के दृष्टिगत पर्याप्त मात्रा में उर्वरक भंडारण किया गया है।जनपद को इस सीजन में डीएपी का 15,064 मीट्रिक टन लक्ष्य आवंटित है। अक्टूबर तक 2,697 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 6,177 मीट्रिक टन डीएपी का उठान कर विक्रेताओं व समितियों पर उपलब्ध कराया गया है।इसी प्रकार यूरिया का 2,212 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 9,470 मीट्रिक टन, एनपीके का 416 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 4,882 मीट्रिक टन, पोटाश का 160 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 300 मीट्रिक टन तथा एसएसपी का 239 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 4,919 मीट्रिक टन की उपलब्धता है।अक्टूबर माह तक कुल 5,724 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 25,748 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया गया है, जो निर्धारित लक्ष्य का लगभग पाँच गुना है। इससे स्पष्ट है कि जनपद में रासायनिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।जिला कृषि अधिकारी एस.एन. चौधरी ने किसान भाइयों से अपील की है कि रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग न करें, क्योंकि इससे लागत बढ़ती है, भूमि की उर्वरता घटती है तथा मृदा और मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।किसान अपनी भूमि के मृदा परीक्षण की संस्तुति के अनुसार संतुलित मात्रा में उर्वरक प्रयोग करें। बुवाई के समय फास्फोरस और पोटाश का उपयोग करें तथा नाइट्रोजन को विभाजित मात्रा में डालें। दलहनी फसलों में राइजोबियम कल्चर और तिलहनी फसलों में सल्फर का प्रयोग कर उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।डीएपी के विकल्प के रूप में किसान एनपीकेएस, एसएसपी, पोटाश, नैनो डीएपी, नैनो यूरिया, जीवामृत, गोबर की खाद, कम्पोस्ट आदि का उपयोग करें।डीएपी से केवल नाइट्रोजन और फास्फोरस तत्व प्राप्त होते हैं, जबकि एनपीकेएस व एनपीके उर्वरकों में पोटाश और सल्फर जैसे पोषक तत्व भी मिलते हैं, जो रबी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बढ़ाते हैं।किसान भाई नैनो डीएपी का उपयोग बीज उपचार या खड़ी फसल पर छिड़काव के रूप में कर सकते हैं। 5 मिलीलीटर नैनो डीएपी को 1 किलो बीज में गुड़ के शीरे या पानी के साथ मिलाकर उपचारित करने से पौधों को सीधा पोषण मिलता है और उर्वरक की बर्बादी नहीं होती।जनपद में नैनो डीएपी बी-पैक्स व निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।