उपराष्ट्रपति चुनाव: क्रॉस-वोटिंग पर इंडी ब्लॉक में दरार, विपक्षी दलों का सारा नैरेटिव पलटा
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग के बाद तक एकजुटता के दावे कर रहा विपक्ष अब क्रॉस-वोटिंग को लेकर छाती पीटने लगा है। इंडी ब्लॉक की ज्यादातर पार्टियां एक-दूसरे को संदेह की नजरों से देख रही हैं। आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। सांसदों के बिकने और प्रत्येक पर 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाने तक के आरोप लग रहे हैं।
दरअसल, चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को संभावनाओं से मिले कहीं ज्यादा वोटों ने विपक्षी दलों का सारा नैरेटिव पलट दिया है। इस बात को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता तो आमने-सामने नजर आ रहे हैं।
टीएमसी को किन सांसदों पर संदेह?
टीएमसी सांसद और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में मीडिया कर्मियों से कहा कि अगर मैं मान भी लूं कि क्रॉस-वोटिंग हुई, ‘आप’ जैसी कुछ पार्टियां हैं, जिसकी एक महिला सांसद (स्वाति मालीवाल की ओर संकेत) खुलेआम बीजेपी को सपोर्ट करती हैं और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बोलती हैं। ऐसे दो-चार (आप) सांसद हैं।
क्रॉस-वोटिंग पर इंडी ब्लॉक में दरार
टीएमसी की ओर से आम आदमी पार्टी के लिए इस तरह का आरोप लगाना इस मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक में बहुत बड़ी दरार का संकेत है क्योंकि दोनों दलों के नेता-अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी में आपस में अच्छी सियासी ट्यूनिंग देखी जाती रही है। यह भी माना जाता है कि आम आदमी पार्टी का इंडी ब्लॉक से दूरी बनाने के बाद टीएमसी ने ही उपराष्ट्रपति चुनाव में उसे विपक्ष के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी के समर्थन के लिए तैयार किया।
प्रत्येक पर 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च
सबसे बड़ा आरोप तो टीएमसी नेता ने ये लगाया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग करने वाले कथित सांसदों पर बड़ी रकम खर्च की गई। टीएमसी सांसद ने कहा, मैंने कुछ लोगों से बात की और पता चला कि उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति पर 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च किए। जिन्हें लोगों ने प्रतिनिधि के तौर पर चुना, वे लोगों का भरोसा और भावना बेच रहे हैं।
हालांकि, टीएमसी को लेकर उनका दावा है कि पार्टी के सभी 41 सांसदों ने रेड्डी को वोट दिया। वैसे उन्होंने ये भी जोड़ दिया कि गुप्त मतदान की वजह से यह कहना मुश्किल है कि क्रॉस-वोटिंग हुई या विपक्षी सदस्यों का वोट खारिज कर दिया गया।
विपक्ष के 27 सांसदों ने की क्रॉस-वोटिंग
आम आदमी पार्टी इस तरह के आरोपों को खारिज कर रही है। पार्टी के सांसद और महासचिव (संगठन मंत्री) संदीप पाठक ने कहा है कि हमारे सभी सांसद एकजुट रहे और विपक्ष के उम्मीदवार को वोट दिया, सिर्फ एक (मालीवाल) को छोड़कर, जिनके बारे में सब जानते हैं बल्कि उन्होंने तो एक और बड़ा सनसनीखेज दावा कर दिया है। उनका कहना है कि हमने नतीजे के बाद मंगलवार शाम को अपने सूत्रों को सक्रिय किया और यह मानने के कारण मौजूद हैं कि विपक्ष के 27 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया और कम से कम 12 बीजेपी सांसदों ने विपक्ष के प्रत्याशी के लिए वोटिंग की।
विपक्ष का लगभग हर दल संदेह के घेरे में
इससे पहले यह रिपोर्ट भी आ चुकी है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु के कुछ विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। इसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), आम आदमी पार्टी और डीएमके जैसी पार्टियों का नाम बताया गया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इन आरोपों की तहकीकात की वकालत की है। बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया है।